लेखनी कहानी -20-Sep-2023
सिर पर रूढ़ियों का घोर वजन मस्तिष्क में रिश्तों की उलझन आंखों में अनगिनत सजते सपन यही तो है भारतीय नारी जीवन ।
अधरों पे कंपकंपाती हुई व्यथा सूखा कंठ कहता उसकी कथा गालों में मुस्कुराती एक थिरकन यही तो है भारतीय नारी जीवन
झुके हुए कंधे हताश निराश मन अकड़कर चूर होता हुआ बदन डूबती हुई सी दिल की धड़कन यही तो है भारतीय नारी जीवन ।
हाथों की रेखाऐं घिस गईं काम से भग्न हृदय अनेक झूठे इल्जाम से फिर भी सब संभालने की शेष लगन यही तो है भारतीय नारी जीवन ।
पैरों में मर्यादा की पड़ी हैं बेड़ियां हाथों को जकड़े लाज की कड़ियां पिंजर में तबदील होता हुआ यौवन यही तो है भारतीय नारी जीवन ।
सोच बदली दिशा बदली समाज की नये कीर्तिमान गढती नारी आज की सहती आयी है वह आज तक घुटन यही तो है भारतीय नारी जीवन ।
महिला आरक्षण बिल आशा की किरन शायद अब पूरे हो जायें इनके सारे सपन आज प्रफुल्लित है सबका तन मन बदन यही तो है भारतीय नारी जीवन ।।
श्री हरि 20.9.23
Shashank मणि Yadava 'सनम'
01-Oct-2023 06:10 PM
बेहतरीन और यथार्थ चित्रण
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Gunjan Kamal
20-Sep-2023 06:58 PM
👏👌🙏🏻
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